बता दे कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। यूपी में सिंचाई विभाग की ओर से किया गया यह प्रयोग सफल रहा है। वहां सिंचाई विभाग की पुरानी कॉलोनियों को ध्वस्त कर पीपीई मोड पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का निमार्ण किया जा रहा है।
यूपी में इस काम को प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में किया जा रहा है। यहां भी इस बात की संभावनाएं तलाशी जाएंगी कि कैसे कम लागत में एक बड़ी परियोजना तैयार की जाए। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया जाएगा।
यमुना कॉलोनी आज भी देहरादून की एक बड़ी पहचान के तौर पर जानी जाती है। यहां 983 आवास स्थित हैं। इनमें से 553 आवास सिंचाई विभाग, 274 यूजेवीएनएल और 99 राज्य संपत्ति विभाग के पास है। इसके अलावा कुछ भवनों में तमाम दूसरे सरकारी कार्यालय स्थापित किए गए हैं।
वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन के बाद मंत्रियों के लिए आवास की समस्या सामने आई तो यमुना कॉलोनी का नाम सबसे पहले आया। इसके बाद यहां तमाम पुराने भवनों को नया रंग-रूप देकर इन्हें उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों को आवंटित किया गया। तब से यमुना कॉलोनी को वीवीआईपी का रुतबा भी मिल गया।