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सरेआम शहर में विक्रम संचालक परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे

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शहर में विक्रम संचालक खुलेआम परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। शनिवार को भी विभिन्न चौक-चौराहों पर विक्रम संचालक फुटकर सवारियां बैठाते नजर आए। इसस कई स्थानों पर यातायात भी बाधित हुआ। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए परिवहन विभाग ने 10 अप्रैल के बाद से विक्रमों के फुटकर सवारी बिठाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है।

यातायात पुलिस और परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल फुटकर सवारी बिठाने पर पिछले पांच दिन में 30 विक्रमों को सीज भी कर चुका है। इसके बाद भी विक्रम संचालक कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के परमिट की शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं।

शनिवार सुबह के नौ बजे हैं। आईएसबीटी के बाहर बसें लगातार आकर सवारियों को उतार रही हैं। बसों को आता देखकर विक्रम संचालक अपने वाहनों को बसों के आगे लगा रहे हैं। बसों से उतरने वाली सवारियों को विक्रम में बिठाया जा रहा है। फुटकर सवारियों को सहारनपुर चौक से लेकर प्रिंस चौक और घंटाघर तक के लिए बिठाया जा रहा है। मौके पर कम से कम दर्जन भर विक्रम आगे पीछे खड़े हैं। विक्रम में सवार हुए यात्री मदन रावत बताते हैं कि वह मेरठ से आए हैं। अब सहारनपुर चौक जाने के लिए विक्रम में बैठे हैं। विक्रम में सवारियां पूरी होने के बाद ही यह आगे के लिए रवाना होगा।

शनिवार दोपहर के दो बज रहे हैं। आढ़त बाजार में जाम लगा है। वाहनों की लंबी कतार लगी है। इसी बीच अचानक एक विक्रम सवारी को बिठाने के लिए रुका और वाहनों की रफ्तार रुक गई। सवारी उतारने के साथ ही विक्रम संचालक ने मौके से दो अन्य सवारियों को बिठाया। इसके कारण यातायात प्रभावित हुआ।

 

शनिवार दोपहर के तीन बजे हैं। घंटाघर पारकर चकराता रोड पर विक्रमों का झुंड लगा है। विक्रम संचालक आवाज लगाकर प्रेमनगर की फुटकर सवारियां बिठा रहे हैं। एक विक्रम सवारी भरकर आगे रवाना हो गया है, उसका स्थान दूसरे विक्रम ने लेकर फुटकर सवारियों भरना शुरू कर दिया। घंटाघर से प्रेमनगर के बीच विभिन्न इलाकों की सवारियों को बिठाया जा रहा है। चौराहे पर कोई भी इन विक्रमों को रोकने के लिए मौजूद नहीं है।

 

शनिवार शाम के पांच बजे हैं। गांधी पार्क से राजपुर रोड के लिए विक्रम सवारी बिठा रहे हैं। विक्रमों के कारण रोड का यातायात बाधित हो रहा है। विक्रम में बैठे यात्री प्रवेश कुमार बताते हैं कि उन्हें राजपुर रोड पर जाना है, अभी विक्रम की सवारियों का कोटा पूरा नहीं हुआ है। सवारियां भरने के बाद ही विक्रम आगे के लिए रवाना होगा।

 

शहर में सभी जगह विक्रम फुटकर सवारियां भरकर ले जाते नजर आए। एक भी विक्रम बुकिंग कर सवारियां ले जाता नहीं दिखा। विक्रम संचालक राजू ने कहा कि बुकिंग कर विक्रम को ले जाना कतई व्यवहारिक नहीं है। इसके लिए पहले परिवहन विभाग स्टैंड का इंतजाम कराए, तभी यह संभव हो सकता है। अन्यथा, फुटकर सवारियां बिठाना ही एक मात्र रास्ता है।

दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल, ऑटो व विक्रम का संचालन 31 मार्च 2023 के बाद बंद किया जाना था। इनके स्थान पर दून शहर में बीएस-6 पेट्रोल, सीएनजी या इलेक्ट्रिक चौपहिया टाटा मैजिक चलाने का निर्णय हुआ था। अब विक्रम संचालकों को बीएस-6, सीएनजी चलित वाहन खरीदने के लिए कहा गया है, लेकिन सैकड़ों की संख्या में विक्रम संचालक इसके लिए तैयार नहीं हैं।

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