उत्तराखंड

हेली सेवाओं में टिकटों की आड़ में कोई धोखाधड़ी न हो हेली टिकटों पर क्यूआर कोड अथवा बारकोड लगाए जाएंगे

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इस वर्ष केदारनाथ धाम के लिए चलने वाली हेली सेवाओं में टिकटों की आड़ में धोखाधड़ी व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए हेली टिकटों पर क्यूआर कोड अथवा बारकोड लगाए जाएंगे। इस कोड में उस यात्री की पहचान होगी, जिसके नाम पर टिकट बुक कराया गया है। इसी आधार पर यात्री को हेलीकाप्टर में बैठने की अनुमति मिलेगी। प्रदेश में हर वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं संचालित की जाती हैं।

गत वर्ष सवा लाख से अधिक यात्रियों ने केदारनाथ धाम जाने के लिए हेली सेवाओं का इस्तेमाल किया था। यात्रा के दौरान स्थिति यह रही कि टिकटों के लिए 20 से 25 दिनों की वेटिंग रही। नतीजा यह हुआ कि हेली टिकटों की कालाबाजारी की शिकायतें सामने आने लगी। यह देखा गया कि यात्रियों से आनलाइन व आफलाइन टिकटों के नाम पर धोखाधड़ी की गई। दलालों ने विभिन्न नामों से टिकट बुक कर इन्हें मनमाने दामों पर बेचा। इसे देखते हुए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास परिषद (यूकाडा) ने इस वर्ष हेली टिकट की व्यवस्था में बदलाव करने का निर्णय लिया है।

जिस यात्री के नाम पर टिकट होगा, उस यात्री की पहचान का अधिकारिक दस्तावेज यथा आधार कार्ड, पैन कार्ड अथवा लाइसेंस आदि का नंबर टिकट में क्यूआर कोड में डाला जाएगा। जब यात्री टिकट लेकर हेलीकाप्टर में बैठने जाएगा, तो टिकट को स्कैन कर यह नंबर देखा जाएगा। साथ ही इस दस्तावेज को यात्री मौके पर भी दिखाएगा। ऐसा करने पर ही उसकी पहचान सुनिश्चित कर उसे हेलीकाप्टर में बैठने दिया जाएगा।

यूकाडा ने इस वर्ष हेली सेवाओं की शत-प्रतिशत बुकिंग आनलाइन करने का निर्णय लिया है। बुकिंग का जिम्मा इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपारेशन (आरसीटीसी) को दिया गया है। आइआरसीटीसी 100 प्रतिशत बुकिंग आनलाइन करेगा। इसमें 70 प्रतिशत बुकिंग एडवांस और 30 प्रतिशत बुकिंग तत्काल के रूप में होगी। गत वर्ष तत्काल बुकिंग आफलाइन की जा रही थी।

टिकटों में क्यू आर कोड अथवा बारकोड बनाने के लिए आइआरसीटीसी को कहा गया है। इसके लिए उन्हें वेबसाइट में थोड़ा बदलाव करना होगा। इससे टिकटों की धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी और वही यात्री सफर कर सकेगा, जिसके नाम पर टिकट बना है।

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