नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट अश्वनी गौड़ की अदालत ने 20 वर्ष की कैद और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार के अनुसार, 13 जून 2019 को वसंत विहार थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि 15 वर्षीय बेटी पर पड़ोस में रहने वाला नाजिम निवासी ग्राम गुणा सहसेर जिला किशनगंज, बिहार गलत निगाह रखता है। वह अक्सर आते-जाते बेटी का पीछा करता है।
जब उन्होंने टोका तो वह कमरा छोड़कर चला गया। 13 जून की शाम को बेटी किसी काम से बाहर गई और कुछ देर बाद रोते हुए घर आई। जब रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि नाजिम रास्ते में मिला और छेड़छाड़, गाली गलौज करने लगा। जबरदस्ती हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचने लगा। बड़ी मुश्किल से वह जान बचाकर वहां से भागी।
एक साल पहले मई 2018 के दौरान नाजिम ने अपने कमरे में बुलाकर दुष्कर्म किया था। तब डर के मारे वह किसी को कुछ नहीं बता पाई। नाजिम दोबारा उसके साथ कभी भी गलत काम कर सकता है। इस मामले में वसंत विहार थाना पुलिस ने आरोपित नाजिम के खिलाफ 14 जून 2019 को मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने 15 जून 2019 को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
अपने बयान में पीड़िता ने बताया कि मई 2018 के दौरान वह पड़ोस में अपने रिश्तेदार के घर गई हुई थी। वहां नाजिम किराये पर रहता था, जिसे वह जानती थी। नाजिम ने किसी काम के सिलसिले में अपने कमरे में बुलाया और कुंडी लगाकर दुष्कर्म किया। साथ ही धमकी दी कि यदि किसी को कुछ बताया तो वह उसे जान से मार देगा। इसके बाद कमरा छोड़कर चला गया। फिर वह एक साल बाद वापस आया। वह उनके घर के आसपास घूमता रहता था।
13 जून 2019 को जब वह किसी काम से बाहर गई तो महिंद्रा चौक में हाथ पकड़ा और कमरे में ले जाने की कोशिश की। मंगलवार को अदालत ने आरोपित को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। साथ ही राज्य सरकार की ओर से पीड़िता के लिए तीन लाख रुपये प्रदान करने के आदेश जारी किए। इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से नौ, जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया।