उत्तराखंड में बिजली संकट को लेकर 31 मार्च तक मिली राहत
उत्तराखंड में 3 मिलियन यूनिट बिजली की कमी: आपको बता दें कि राज्य में 3 मिलियन यूनिट बिजली हर दिन कम पड़ रही है, इसे बेहद ज्यादा दामों में खुले बाजार से खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में ऊर्जा निगम का खजाना भी खाली हो रहा है. इससे पहले राज्य सरकार ने निगम को कोई भी वित्तीय मदद नहीं देने का फैसला लिया है। खास बात यह है कि 300 MW के आवंटन के साथ ही ढाई सौ मेगावाट की व्यवस्था भारत सरकार के deep पोर्टल के माध्यम से की गई है।
केंद्र ने दी 31 मार्च तक राहत: उधर दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फरवरी महीने में 300 मेगावाट के विशेष कोटे के ख़त्म होने से पहले ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को इस कोटे को कंटिन्यू किए जाने की मांग कर चुके थे। ऐसे में केंद्र की तरफ से इस पर मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का आभार व्यक्त किया है।
डिप्टी सेक्रेटरी अनूप सिंह बिष्ट की तरफ से लिख गए पत्र में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के चेयरमैन की तरफ से उत्तराखंड को अलॉट हुए विशेष कोटे के लिए पत्र लिखा गया है। ऊर्जा विभाग के इस फैसले से दूर होगा उत्तराखंड में बिजली संकट दूसरे राज्यों से ट्रांसपोर्ट होगी ‘पावर’ देहरादून में एक तरफ विशेष कोटे के तहत 300 मेगावाट की बिजली की 31 मार्च तक के लिए मंजूरी की खबर आई, वहीं दूसरी तरफ राज्य में बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में जन सुनवाई चल रही है. इस पर जल्द ही अंतिम फैसला आयोग को लेना है, उम्मीद की जा रही है की अप्रैल से बिजली के नए दाम लोगों चुकाने पड़ सकते हैं।