दो सीएम के उमीदवार जब चुनाव हारे तो इनकी बेटियों ने इनकी लाज बचाई
उत्तरकाशी दिगबीर बिष्ट
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में दो महिला प्रत्याशी ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने पिता की हार का बदला लिया। दोनों ने ही उन प्रत्याशियों को धूल चटाई, जिनसे उनके पिता हारे थे।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में दो महिला प्रत्याशी ऐसी रहीं, जिन्होंने अपने पिता की हार का बदला लिया। दोनों ने ही उन प्रत्याशियों को धूल चटाई, जिनसे उनके पिता हारे थे। इनमें तो एक महिला प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ी और उनके पिता भी चुनाव लड़े, लेकिन पिता चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाए। वहीं, दूसरी प्रत्याशी के पिता अब सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया है।
पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी रितु खंडूड़ी बीजेपी के टिकट पर कोटद्वार विधानसभा से चुनाव जीती। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत कांग्रेस के टिकट पर हरिद्वार ग्रामीण सीट से विजयी रही। हरीश रावत खुद भी कांग्रेस के टिकट पर लालकुंआ सीट से चुनाव लड़े और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। रितु खंडूड़ी को 31455 वोट पड़े। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया। सरेंद्र सिंह नेगी को 27969 वोट पड़े। वहीं, अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण सीट से विजय रहीं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद को हराया। अनुपमा को 50028 वोट पड़े। यतीश्वरानंद को 45556 वोट मिले।
अब दिलचस्प बात ये है कि 2012 में कोटद्वर सीट से सरेंद्र सिंह नेगी ने बीसी खंडूड़ी को और 2017 में हरिद्वार ग्रामीण सीट से यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को हराया था। वर्ष 2012 में कोटद्वार विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी को 4,623 वोटों से हराया था। इस चुनाव में बीसी खंडूड़ी को 27174 वोट मिले थे। वहीं, सुरेंद्र सिंह नेगी को 31,797 वोट मिले थे। वहीं, इसी सीट पर वर्ष 2017 में हुए चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हरक सिंह रावत विजयी रहे थे।