
When the goddess pushes, refuses to leave the place
जोशीमठ से विनय की रिपोर्ट। जोशीमठ मे भूधसाव से कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। एक मकान ऐसा है, जिसमें दरारे पड़े लगभग 2 महीनों का समय बीत गया है। उस घर में रहने वाले लोगों के मुताबिक प्रशासन द्वारा यह कहकर मकान खाली करने के आदेश दे दिए गए हैं। कि मकान की स्थिति बहुत जर्जर है। और इस मकान को डेमोलिश किया जाना जरूरी है। पर घर में पिछले कई सालों से स्थापित परिवार की आराध्या देवी घर छोड़ने को राजी नहीं है।
देवी के पुजारी की धर्मपत्नी के मुताबिक जब प्रशासन के आदेशों के बाद मकान खाली कर दिया गया और देवी को उस स्थान से उठाकर कहीं और शिफ्ट करने की तैयारी की गई तो मूर्ति उठाने के दौरान देवी ने उन्हें धक्का देकर दूर फेंक दिया। यह सिलसिला पिछले 1 महीने से चल रहा है। जब-जब भी वे देवी को उस स्थान से उठाने का प्रयास करते हैं। तो देवी धक्का दे देती है ऐसा लगता है कि कह रही हो कि देवी को उस स्थान से कहीं और नहीं जाना है।
रोज टूटे मकान में आकर करते हैं पूजा
मकान में दरारें पड़ने के कारण प्रशासन द्वारा उस घर में रहने वाले लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है पर देवी के पुजारी की ऐसी आस्था है कि वह बिना देवी की पूजा अर्चना किए जल ग्रहण नहीं करते इसलिए राहत शिविर से रोज सुबह अपने टूटे-फूटे घर में आकर देवी की पूजा अर्चना करते हैं उसके बाद ही कुछ जलपान लेते हैं।
घर जर्जर पर मंदिर सुरक्षित
यह घर पूरी तरह से दरारों से जर्जर हो गया है। दीवारें फट गई हैं फर्श धंस गया है पूरे घर में मोटी मोटी दरारें पड़ गई पर घर के जिस कमरे में मां भगवती का आस्था का मंदिर स्थापित है वह कमरा पूरी तरह सुरक्षित आश्चर्य की बात है कि मंदिर के ठीक बाहर वाला कमरा पूरी तरह से जर्जर है। पर जहां देवी की मूर्ति स्थापित की हुई है उस कमरे में दरारे नहीं है।