उत्तराखंड

प्रदेश में तबादला एक्ट लागू, 10 जून तक होंगे सभी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले

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उत्तराखंड में तबादला एक्ट लागू, 10 जून तक होंगे सभी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले देहरादून। प्रदेश में तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक सभी विभागों में पत्र कर्मचारियों, अधिकारियों के तबादले किए जाएंगे। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि, तय समय सारिणी के अनुसार तबादले की कार्रवाई की जाए। तबादला एक्ट के तहत सामान्य तबादलों के लिए समय सारिणी के मुताबिक लोक सेवकों के तबादले आदेश जारी करने की अंतिम तिथि 10 जून है। इससे पहले 25 मई से 5 जून तब तबादला समिति की बैठक के साथ ही तबादलों को लेकर सक्षम प्राधिकारी की सिफारिश हो जानी चाहिए। साथ ही जारी आदेश में कहा गया कि तबादलों के लिए प्राप्त विकल्पों और आवेदन पत्रों का विवरण विभाग की वेबसाइट पर 20 मई तक प्रदर्शित हो जानी चाहिए। वही 30 अप्रैल तक अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए आवेदन मांग लिए जाने चाहिए। आपको बता दें कि, हर साल सामान्य तबादलों के लिए तबादला एक्ट 2017 की धारा 23 के तहत समय सारिणी तय की गई है।

समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव मंडलायुक्त गढ़वाल व कुमाऊं एवं समस्त विभागाध्यक्ष तबादलों के लिए तय समय सारिणी के अनुसार तबादले की कार्रवाई करें। इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से भी इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक वंदना की ओर अपर निदेशक बेसिक और माध्यमिक शिक्षा, अपर निदेशक एससीईआरटी, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि, तय कार्यक्रम के अनुसार तबादले की कार्रवाई की जाए। अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल का कहना है कि, तबादला एक्ट के तहत सामान्य तबादलों के लिए जो समय सारिणी है, उसी के मुताबिक तबादले की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। समय सारिणी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही आपको बता दें विधवा और विधुर कर्मचारियों को अनिवार्य तबादलों में छूट को लेकर उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से विचार करने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री मुकेश बहुगुणा ने मामले में आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुकेश बहुगुणा ने जानकारी देते हुए कहा कि, मिनिस्ट्रियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक सीधी भर्ती के पदों पर 1 वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा को अनिवार्य किया जाए। जबकि समूह ग के कर्मियों को उसके गृह तहसील और समूह ख के कर्मियों को गृह जिले में नियुक्त किया जाए। कर्मचारियों की कार्यकुशलता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए कम से कम एक महीने का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। बहुगुणा ने कहा मृतक आश्रित कर्मचारियों की नियुक्ति दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र में न की जाए। इन कर्मचारियों की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर होती है। दुर्गम क्षेत्र में नियुक्ति की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। एसोसिएशन ने विभाग में कार्य के दबाव के चलते अतिरिक्त पद सृजित करने और नायब तहसीलदार, पूर्ति निरीक्षक, बीडीओ आदि पदों पर पदोन्नति के लिए 50 प्रतिशत कोटा तय करने की मांग की।

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