देहरादून के मशहूर यू-ट्यूबर व बाइक राइडर की दुर्घटना में हुई मौत के मामले आया नया मोड़
यमुना एक्सप्रेस वे पर टप्पल क्षेत्र में बुधवार सुबह उत्तराखंड के मशहूर यू-ट्यूबर व बाइक राइडर की दुर्घटना में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिवार ने मौका-ए-वारदात देखने और उसके साथियों से बात करने के बाद बेटे की बाइक राइडिंग की प्रतिद्वंद्विता में हत्या का अंदेशा जताया है।
परिवार के सवालों को पुलिस ने भी गंभीरता से लिया है और बृहस्पतिवार देर रात तक चली जांच में कुछ सवाल पुलिस के जेहन में भी खड़े हुए हैं। जिसके आधार पर मृत बाइक राइडर के साथियों को बुलाने की तैयारी है। मगर अभी पुलिस को तहरीर का इंतजार है, जिसके आधार पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी।
मूल रूप से उत्तराखंड देहरादून के चकराता रोड कापरी ट्रेड सेंटर का 22 वर्षीय बाइक राइडर अगस्त्य चौहान पुत्र जितेंद्र सिंह चौहान प्रो-राइडर 1000 नाम से यू-ट्यूब चैनल चलाता था। कई लाख की संख्या में उसके फॉलोअर्स भी हैं। इसके अलावा 2022-23 में हैदराबाद में हुई पंजा कुश्ती की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का भी चैंपियन बना था।
बुधवार सुबह वह अपनी 15 लाख रुपये की कीमती स्पोर्टस बाइक से सफर करते हुए टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे के माइल-47 के पास पहुंचा था, जहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस सूचना पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा और पहचान के साथ परिवार को खबर दी। पुलिस जांच में सीसीटीवी की मदद से पाया गया कि अगस्त्य की बाइक की रफ्तार 300 किमी प्रति घंटा थी।
शुरुआत में पुलिस ने माना कि बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और करीब 700 मीटर तक हाईवे पर घिसटती हुई गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इधर, बृहस्पतिवार को उसके पिता अन्य परिजनों संग आए और पोस्टमार्टम के बाद शव साथ ले गए। इस दौरान वे टप्पल भी गए और घटनास्थल देखा। साथ में अन्य साथियों के विषय में जानकारी की। उन्होंने इस सबके बाद पुलिस के सामने बेटे की हत्या का अंदेशा जताया और कहा कि यह हादसा नहीं, बल्कि बाइक राइडिंग की प्रतिद्वंद्विता में हत्या है।
पिता ने पुलिस के सामने जो जानकारी दी और सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाए, उसके अनुसार दिल्ली से उनका बेटा अपने चार अन्य बाइक राइडर साथियों संग चला था। इनके बीच 300 किमी से ऊपर की कोई प्रतियोगिता तय थी। इनकी बाइकों व हेलमेट पर एक दूसरे के वीडियो बनाने संबंधी 360 डिग्री के कैमरे भी सेट थे। वे कैमरे गायब हैं। इनमें से तीन तो जेवर टोल से यू-टर्न लेकर वापस चले गए, जबकि अगस्त्य व एक अन्य दुर्घटनास्थल तक आए और आसपास ही दूसरा भी वहां से यू-टर्न लेकर वापस चला गया। उसने फिर अगस्त्य के विषय में कुछ जानने का प्रयास नहीं किया।
यह दूसरे का रिकार्ड तोड़ने संबंधी प्रतिद्वंद्विता में हत्या है। 300 की रफ्तार से बाइक दौड़ रही थी तो सिर्फ सिर में चोट आई और बाइक में मामूली टूट फूट हुई है। इस रफ्तार में शरीर के अन्य अंग घायल होते, बाइक भी टूट जाती। बेटे के साथ चल रहे राइडर ने अगस्त्य के परिवार से तीन घंटे बाद संपर्क किया। उसने खुद की लोकेशन बताई। परिवार मिलने गया तो वह नहीं मिला। बार-बार लोकेशन बदलने लगा।
मौके पर किसी कार के पहियों के घसीटने के निशान थे। बाकी चारों अभी तक सामने क्यों नहीं आए। इसीलिए उन्होंने बेटे की मौत को हादसा नहीं हत्या माना है। इन सवालों पर खुद एसपी देहात ने सीओ खैर के साथ मौके पर पहुंचकर देर रात तक जांच की तो कुछ सवाल ऐसे हैं, जिन पर संदेह है। पुलिस ने सीसीटीवी, फॉरेंसिक जांच, अन्य चारों राइडरों से पूछताछ के लिए परिवार से तहरीर मांगी है।
इस दुर्घटना के बाद जैसे ही अगस्त्य की मौत की खबर प्रसारित हुई है, तब से उसके फालोअर्स सोशल मीडिया पर शोक संदेश प्रसारित कर रहे हैं। जिसमें कोई उसे हीरो तो कोई कुछ कह रहा है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजन तड़के ही शव को यहां से हरिद्वार ले गए। जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।