
जगदेई कला मंच: श्रद्धा, भाईचारा और कंडक महाराज की महिमा का संगम
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ तहसील में पट्टी विष्ट के टिपरी गांव में बसा जगदेई कला मंच एक सांस्कृतिक धरोहर है, जो देवी जगदेई माता और कंडक महाराज की भक्ति का प्रतीक है। यह मंच गांव की श्रद्धा और भाईचारे को जीवंत करता है, जहां लोक नृत्य, गीत और परंपराएं आध्यात्मिकता से मिलती हैं। टिपरी गांव, जहां से यह मंच उभरा, न केवल अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है, बल्कि कंडक महाराज की छोटी डोली पालकी की परंपरा के लिए भी। कंडक महाराज, जिनका मूल कटखेत गांव है, शक्ति और न्याय के देवता हैं। उनकी डोली यात्रा में पूरा गांव एकजुट होकर भजन गाता और उत्सव मनाता है, जो भाईचारे का अनुपम उदाहरण है।
जगदेई कला मंच ने जनपद स्तर पर मनोरम प्रस्तुतियां दीं, जो हमेशा प्रथम रहीं। प्रयागराज, दिल्ली और देहरादून जैसे शहरों में मंच ने कंडक महाराज और जगदेई माता की महिमा को नृत्य और नाट्य के माध्यम से जीवंत किया। कंडक महाराज की कथाएं—रक्षक और अत्याचारियों के दमनकर्ता के रूप में—मंच की प्रस्तुतियों का आधार रहीं। हर प्रदर्शन से पहले कंडक महाराज का आह्वान और बाद में धन्यवाद उनकी सफलता का रहस्य है। यह मंच टिपरी की एकता को दर्शाता है, जहां सभी वर्ग मिलकर परंपराओं को सहेजते हैं। जगदेई और कंडक महाराज की कृपा से यह मंच भविष्य में भी चमकता रहेगा।
अध्यक्ष किशन सिंह महंत का कहना है कि कंडक महाराज के सानिध्य में हमारी टीम विभिन्न मंचों में प्रथम स्थान रही है