
उत्तरकाशी। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM), उत्तरकाशी के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स (क्रमांक 181 मिक्स्ड) की टीम ने साहस, संकल्प और श्रद्धांजलि की अद्वितीय मिसाल पेश करते हुए 4 अक्टूबर 2025 को माउंट ड्रौपदी का डांडा-2 (ऊंचाई 5,670 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।
यह पर्वतारोहण केवल एक साहसिक उपलब्धि नहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक और राष्ट्रीय महत्व की घटना थी। इसे वर्ष 2022 में इसी पर्वत पर प्राकृतिक आपदा में बलिदान देने वाले 29 पर्वतारोहियों की स्मृति में संपन्न किया गया। घटना की तीसरी पुण्यतिथि पर इस अभियान ने पर्वतारोहण इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा।
इस भावनात्मक अभियान का नेतृत्व कर्नल हेम चंद्र सिंह — प्रधानाचार्य, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स, पहलगाम — ने किया। उनके साथ कैप्टन जी. संतोष कुमार (रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर, NIM), प्रशिक्षकगण श्री विनोद गुसांई, श्री सौरव सिंह, श्री आजाद राणा, श्री अंशुल गल्ता और छह समर्पित प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की टीम शामिल थी।
यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 की दुखद घटना के बाद यह ड्रौपदी का डांडा-2 का पहला सफल आरोहण है। इस अभियान ने शौर्य और श्रद्धांजलि के अद्वितीय संगम के रूप में न केवल दिवंगत पर्वतारोहियों को सम्मान दिया, बल्कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में पुनः विश्वास, सुरक्षा और समर्पण का संकल्प भी दोहराया।
शिखर पर पहुँचकर टीम ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित की और पर्वतारोहण की उच्चतम नैतिकता — धैर्य, अनुशासन और राष्ट्रीय गौरव — के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की यह उपलब्धि न केवल इसकी व्यावसायिक उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी है — जो पर्वतारोहण को केवल खेल नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, बलिदान और राष्ट्रसेवा का माध्यम मानते हैं ।