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ऑडिट दिवस’ समारोहों की श्रृंखला के अंतर्गत कोड ऑफ एथिक्स पर कार्यशाला का सफल आयोजन

ऑडिट दिवस’ समारोहों की श्रृंखला के अंतर्गत कोड ऑफ एथिक्स पर कार्यशाला का सफल आयोजन

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ऑडिट दिवस’ समारोहों की श्रृंखला के अंतर्गत कोड ऑफ एथिक्स पर कार्यशाला का सफल आयोजन

– देहरादून में ‘‘कोड ऑफ एथिक्स एवं आचरण संहिता’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

– कार्यशाला में महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की और अनेक व्यवहारिक प्रश्नों एवं सुझावों को साझा किया।

‘ऑडिट दिवस’ समारोहों की श्रृंखला के अंतर्गत कौलागढ़ स्थित कार्यालय महालेखाकार (लेखा परीक्षा), उत्तराखंड में ‘‘कोड ऑफ एथिक्स एवं आचरण संहिता’’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ उप महालेखाकार श्री लोकेश दताल ने कहा कि किसी भी संगठन की सच्ची पहचान उसकी कार्यनिष्ठा, निष्पक्षता और पारदर्शिता पर आधारित आचरण से होती है। उन्होंने ऑडिट सेवाओं में नैतिक मूल्यों, स्वतंत्रता, निःस्वार्थता तथा प्रलोभन-मुक्त कार्यसंस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला।

‘‘कोड ऑफ एथिक्स’’ प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है, जो उनकी व्यावसायिक प्रतिबद्धता को और अधिक सशक्त बनाता है।

कार्यशाला में वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए उपमहालेखाकार श्री मुकेश कुमार ने संस्थान के ध्येयवाक्य ‘लोकहितार्थ सत्यनिष्ठा’ के विभिन्न आयामों पर बात की। साथ ही, नैतिक द्वंद्वों के समाधान, संस्थागत स्वतंत्रता के संरक्षण तथा सार्वजनिक संसाधनों के पारदर्शी प्रबंधन से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

कार्यशाला में महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की और अनेक व्यवहारिक प्रश्नों एवं सुझावों को साझा किया। यह आयोजन ऑडिट विभाग में सुशासन, नैतिकता और पेशेवर उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है तथा ‘ऑडिट दिवस’ की भावना को और अधिक अर्थपूर्ण बनाता है।

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