फार्मेसिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से नाराज डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया
फार्मेसिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से नाराज डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। मंगलवार को एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जेबी नौटियाल की अध्यक्षता व प्रांतीय महामंत्री आरएस ऐरी के संचालन में हुई फार्मेसिस्टों की वर्चुअल बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से अगले दस-बारह दिन में फार्मासिस्ट संवर्ग की लंबित मांगों का समाधान कर शासनादेश जारी नहीं किया जाता है तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन का पहला चरण 24 अप्रैल से शुरू किया जाएगा। जिसके तहत सभी फार्मेसिस्ट काली फीती बांधकर ड्यूटी करेंगे। इस दौरान जनपद स्तर पर विधायकों व प्रांतीय स्तर पर मंत्रियों को मांग पत्र भी सौंपा जाएगा। 28 अप्रैल से मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के बाहर धरना—प्रदर्शन किया जाएगा और स्वास्थ्य महानिदेशक व स्वास्थ्य सचिव के साथ ही मुख्य सचिव व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।
एक मई से फार्मासिस्ट सुबह दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। इसके बाद आठ मई से स्वास्थ्य महानिदेशालय में क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक जनपद से पांच-पांच सदस्य प्रतिभाग करेंगे। इस दौरान इमरजेंसी व पोस्टमार्टम ड्यूटी का भी बहिष्कार किया जाएगा। 15 मई को स्वास्थ्य महानिदेशालय पर धरना-प्रदर्शन व घेराव कर आंदोलन के अग्रिम रणनीति तैयार की जाएगी।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जेबी नौटियाल ने कहा कि लंबित मांगों के समाधान को लेकर शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। बीती 27 सितंबर को अपर सचिव स्वास्थ्य की अध्यक्षता और उसके बाद 26 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों के साथ हुई बैठक में जिन मांगों पर सहमति बनी थी उनका शासनादेश भी अभी तक जारी नहीं किया गया है।
कहा कि विभागीय अधिकारी उच्च स्तरीय बैठकों में लिए गए निर्णयों को दरकिनार कर रहे हैं। प्रांतीय महामंत्री आरएस ऐरी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की उपेक्षापूर्ण नीति, भेदभाव व टालमटोल वाले रवैये से फार्मेसिस्टों में आक्रोश है। ऐसे में अब उनके पास आंदोलन के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता है।