- प्रशासन की आधी -अधूरी तैयारियों की भेंट चढ़ी गंगोत्री, यमनोत्री यात्रा।।गंगोत्री विधायक ने लिया जायजा दो, दिन डटे रहे यात्रा पड़ाव पर।।विधायक बोले पुलिस की कार्य अति सराहनीय, रात भर डटे रहे ड्यूटी पर ।।
उत्तरकाशी । चार धाम यात्रा की शुरूआत होते ही जिला प्रशासन की आधी अधूरी तैयारी से उत्पन हो रही खामियां खुलकर सामने आ गई है। गौरतलब है कि बीते छ माह से कपाट खुलने का इंतजार कर रहे तीर्थ यात्री अपना पंजीकरण करवा कर यात्रा पर पहुंचने लगे हैं। अब तक लगभग 26 लाख से अधिक तीर्थ यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं। और बड़ी संख्या में चारधाम में पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। यात्रा के दौरान तीर्थ यात्री घंटों-घटों तक लग रहे लंबे जाम में फंस रहे हैं। जाम से परेशान तीर्थ यात्रियों ने गंगोत्री-यमुनोत्री हाइवे पर नेताला, हीना गंगनानी भेरवघाटी गंगोत्री बस अड्डे पर नारेबाजी करते हुए आलाधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनाई।
बीआरओ द्वारा जगह जगह किए जा रहे कार्य से तीर्थ यात्री और पुरोहित परेशान हैं। गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि
छ माह कुंभकर्णी नींद में सोए बीआरओ द्वारा आज कल सड़को को सुधारने के नाम पर खुर्द बुर्द किया जा रहा है, जबकि सड़क सुधारने का काम उन्हें पूर्व में करना चाहिए था। लोगों का कहना है कि बीआरओ आज कल मात्र खानापूर्ति कर सरकारी धन को ठिकाने लगा रहा है। गंगोत्री यमनोत्री धाम की बात करें तो कपाट खुलने के महज चार दिन में ही यात्रा व्यवस्था चरमरा गई है । लगातार तीर्थयात्री जाम में फंस रहे है। कई यात्री यात्रा मार्ग पर लग रहे घंटो के जाम से बीमार पड़ रहे है जिससे यात्रियों का जिला प्रशासन के खिलाफ गुस्सा होना लाजमी है ।
गंगोत्री धाम में पंडा समाज और तीर्थ पुरोहितों ने आरोप लगाया कि प्रशासन बेवजह यात्रियों को परेशान कर रहा है और जगह-जगह रोका जा रहा है जिससे यात्री ठीक से दर्शन भी नहीं कर पा रहे है। दस से 20 घंटे जाम में फंसे रहने से यात्रियों की तबियत भी खराब हो रही जिस कारण बिना यात्रा किए लोग आधे रास्ते से ही वापस हो रहे है।
गुजरात से आए विवेक दिनकर ने बताया की बच्चों की गाड़ी में बैठ बैठ कर तबियत खराब हो रही जिस कारण वे आधे रास्ते से ही वापस जा रहे है। उन्होंने बताया की वे हर साल गंगोत्री यात्रा पर आते है कभी भी इस प्रकार की अव्यवस्था नही देखी वही उन्होंने जगह जगह बीआरओ द्वारा काम के नाम पर फैलाई अराजकता को भी जिम्मेदार ठहराया जिला प्रशासन को भी उन्होंने खूब भला बुरा कहा और इसकी शिकायत भी पीएम पोटल पर करेंगे।
तीर्थ पुरोहित पंडित संजीव सेमवाल ,राजेश सेमवाल ने बताया कि यात्रा अपने चरम पर है।लेकिन गंगोत्री धाम पूरी तरह खाली पड़ा हुआ है। घाट खाली पड़े है।
बाइस-बाइस घंटे यात्री अपनी गाड़ियों में जाम में फंसे पड़े है,और वही रात बिताने को मजबूर हो रहे है। प्रशासन हवा में लाठी भांज रहा है। सड़कों पर जो मालवा पड़ा था आज भी वही पड़ा है किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सीएम हेल्फ लाइन पर भी बात करने की कोशिश की पर वहां से भी कोई अच्छा रिस्पोंस नही आया। उन्होंने जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था को कोश्ते हुए कहा कि बीआरओ भी जानबूझ कर आज कल ही कार्य कर रहा है जाम लगने का एक कारण बीआरओ भी है यदि समय रहते कार्य कर लेते हो ये हालत नही होते उन्होंने बताया कि नेताला में मुख्य बाजार में खुदवाई नाली और नेताला गोदाम के पास हो रहे कार्य से भी जाम की स्थिति बनी है मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि एक माह का ही सीजन है. इसमें सरकार को अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए थी पर यात्रा भगवान भरोसे चल रही है ।
लगातार जाम और अव्यवस्था की खबर सुन कर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान खुद सड़क पर उतरे और जायजा लेने गंगोत्री की ओर गए ।
यात्री के साथ कोई लूट खसूट न हो इसके लिए उन्होंने जगह जगह होटल स्वामियों से यात्रियों से अच्छा व्यवहार और अच्छी व्यवस्था देने की अपील की। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री जी स्वयं यात्रा के अपडेट ले रहे है और जल्द ही व्यवस्था में सुधार किया जायेगा। उन्होंने कहा चाहे बीआरओ हो या जिला प्रशासन लापरवाही बरतने वाले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । आलवेदर रोड का काम जल्द हो इसकी वे खुद पैरवी करेंगे । बीआरओ और जिला प्रशासन के आधे अधूरे होम वर्क पर भी उन्होंने नाराजगी दिखाई।
विधायक ने कहा कि उत्तरकाशी ईमानदारी से ड्यूटी कर रही है। उन्होंने उत्तरकाशी पुलिस की संरचना करते हुए कहा है कि रात भर पुलिस के जवान अधिकारी सोये नहीं। अब स्थिति सुधर गई है। धीरे-धीरे गेट सिस्टम से श्रद्धालुओं गंगोत्री धाम के दर्शन कर रहे हैं।
गंगोत्री मार्ग पर जगह जगह घंटो लगे जाम से गुस्साए तीर्थ यात्रियों ने गाड़ी से उतर कर जमकर नारेबाजी की ओर अपनी नाराजगी सरकार और प्रशासन के खिलाफ जाहिर की है।यात्री संदीप दीक्षित सुष्मिता सेठी ने कहा कि यात्रा में कई जगह मौत होने जैसी स्थिति बनी हुई है। खाने पीने की व्यवस्था सीमित है बच्चो के लिए दूध भी नही मिल पा रहा । स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रधान संगठन ने सरकार से मांग की कि व्यवस्था को जल्द ठीक किया जाए और सीजन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को तत्काल हटाया जाए।