उत्तराखंड प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रुप से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र – वन मंत्री , कहा कि स्थानीय लोगों और वनों के बीच का अटूट रिश्ता कायम रहना जरूरी है।संगमचट्टी से सेकू-मांझी तक के वन मार्ग के पुनर्निमाण के लिए 50 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने तथा डोडीताल में विश्राम गृह का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
उत्तराखंड प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रुप से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र - वन मंत्री , कहा कि स्थानीय लोगों और वनों के बीच का अटूट रिश्ता कायम रहना जरूरी है।संगमचट्टी से सेकू-मांझी तक के वन मार्ग के पुनर्निमाण के लिए 50 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने तथा डोडीताल में विश्राम गृह का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि राज्य में इको-टूरिज़्म को विकसित कर इसके जरिए दो लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। चार सौ करोड़ की लागत से हर्बल मिशन की शुरुआत करते हुए वनों के जरिए आम लोंगों की आजीविका के नए अवसरों का सृजन किया जाएगा। उन्होंने केलसू- डोडीताल क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करने का भरोसा दिलाते हुए संगमचट्टी से सेकू-मांझी तक के वन मार्ग के पुनर्निमाण के लिए 50 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने तथा डोडीताल में विश्राम गृह का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
वन मंत्री सुबोध उनियाल केलसू-डोडीताल क्षेत्र के अगोड़ा गांव में आयोजित श्री गणेश महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रुप से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र है, इस विरासत को कायम रखते हुए टिकाऊ पर्यटन विकास के लिए राज्य सरकार ने इको-टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इको फ्रेंडली पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आजीविका के इस नए क्षेत्र से दो लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। डोडिताल क्षेत्र को भी इको टूरिज्म परियोजना में शामिल किया गया । इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर इको टूरिज्म समितियां बनाकर उनके माध्यम से पर्यटन की गतिविधियां संचालित कर प्राप्त आय का 90 फीसदी हिस्सा संचालन अनुरक्षण कार्य के लिए इन समितियां को दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
वन मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों और वनों के बीच का अटूट रिश्ता कायम रहना जरूरी है। जिसे देखते हुए सरकार ने वनों के जरिए आजीविका के संसाधनों में वृद्धि करने, मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने, जैव विविधता के संरक्षण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। वन पंचायत अधिनियम में संशोधन कर जड़ी बूटी की खेती और फलदार वृक्षों को उगाने जैसी गतिविधियां पंचायत के दायरे में लाई गई हैं। 400 करोड़ की लागत से हर्बल मिशन की शुरुआत कर जड़ी बूटियां की खेती और विपणन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि वनों के महत्व को समझते हुए हमें वनों के संरक्षण एवं संवर्धन की अपनी विरासत को कायम रखना होगा तभी हमारा भी अस्तित्व बना रहेगा।
वन मंत्री ने कहा कि डोडीताल क्षेत्र में पर्यटन विकास के काफी संभावना है। जिसे देखते हुए क्षेत्र में भी इको टूरिज्म की गतिविधियां संचालित किए जाने हेतु परियोजना तैयार कर दी गई है। उन्होंने कहा कि डोडीताल झील की सफाई व संरक्षण के साथ ही क्षेत्र में ट्रैक मार्गों के निर्माण व इको फ्रेंडली अवस्थापना सुविधाओ का विकास किया जाएगा। डोडीताल में अगले वर्ष तक वन विश्रामगृह का निर्माण करा दिया जाएगा। श्री उनियाल ने स्थानीय लोगों की मांग पर असी गंगा से सेकू गांव होते हुए मांझी तक के पुराने वन मार्ग का पुनर्निर्माण करने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए 50 लख रुपए की धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी।
उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में खेल नीति बनाकर उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने का प्राविधान करने के साथ ही सैनिकों का सम्मान, महिलाओं का उत्थान व वंचितों के कल्याण के लिये महत्वपूर्ण काम किए गए हैं। उन्होंने कहा सीमांत क्षेत्रों के लोगों अपनी संस्कृति को संजोए रखा है। इस क्षेत्र का त्वरित विकास कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए पलायन को रोकना हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सीमांत क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है इस इस नाते उत्तरकाशी जिले का विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
इस अवसर पर गंगोत्री क्षेत्र के विधायक गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चौहान ने केलसू क्षेत्र के विकास के लिए किए गए कार्यों और सड़क की दशा सुधारने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसमें राज्य सरकार और वन मंत्री का पूरा सहयोग मिल रहा है उन्होंने केलसू डोडीताल क्षेत्र के पर्यटन विकास, ट्रैक मार्गो के सुधारीकरण एवं डोडिताल के संरक्षण एवं संवर्धन तथा अस्सी गंगा- मांझी वन मार्ग के पुनर्निर्माण की मांग प्रमुखता से उठाई।
इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत,भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणा, गणेश महोत्सव समिति के अध्यक्ष बलदेव सिंह राणा,सचिव उमेद सिंह पंवार,ग्राम प्रधान मुकेश पंवार,मंदिर समिति के अध्यक्ष शिवराम पंवार आदि ने अपने विचार रखे,कार्यक्रम का संचालन व्यास डॉ राधेश्याम खंडूड़ी ने किया। कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी वृजेश कुमार तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी वी०पी०बलूनी,गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय,खंड विकास अधिकारी भटवाड़ी डॉ अमित ममगाई, अधिशाषी अभियंता पीएमजीएसवाई आशीष भट्ट तथा भाजपा नेता नागेंद्र चौहान,कृपाराम सेमवाल,खुशाल सिंह नेगी,सुरेश नौटियाल, विजयपाल मखलोगा, सुकेश नौटियाल, चंदन सिंह राणा, कन्हैया रमोला,क्षेत्र पंचायत सदस्य अनुज पंवार आदि उपस्थित रहे। इस मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने लोकनृत्यों के साथ पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया।
अगोडा जाने से पूर्व वन मंत्री श्री उनियाल ने विश्वनाथ मन्दिर में पूजा-अर्चना की तथा चिवां गाँव में भी ग्रामीणों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना।