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क्षेत्र के विकास के लिए 12 वषों में लिख डाले ढाई हजार पत्र,

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डॉ कपिल देव की पुस्तक: संघर्ष की बात चिठ्ठी पत्री के साथ का लोकपर्ण ।।डॉ कपिल देव रावत की गीत का भी हुआ लोकार्पण ।।

क्षेत्र के विकास के लिए 12 वषों में लिख डाले ढाई हजार पत्र ।

उत्तरकाशी: पिछले 12 वषों से समाज सेवा से जुड़े डॉ कपिल देव रावत की पुस्तक पुस्तक संघर्ष की बात चिठ्ठी पत्री के साथ का लोकपर्ण किया गया है।
रविवार को स्वo बुद्धि सिंह रावत राजकीय इण्टर कॉलेज बड़कोट में नगरपालिका
बड़कोट के युवा तेज तर्रार युवा समाजिक कार्यकर्ता एवं भाजपा नेता डॉ कपिल देव रावत की पर आधारित पुस्तक संघर्ष की बात चिठ्ठी पत्री के साथ का लोकपर्ण किया गया है। इससे पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक केदार सिंह रावत,डॉ स्वराज विद्वान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अनुपमा रावत, प्रोफेसर रूकम सिंह असवाल डॉ कपिल देव रावत, वयोवृद्ध जयपाल सिंह रावत आदि ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व वृक्षा रोपण कर किया गया है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक केदार सिंह रावत कुछ सोच डॉ.कपिल देव रावत जैसी समाजी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि डॉ रावत ने आंदोलन नहीं बल्कि चिठ्ठी पत्री के माध्यम से क्षेत्र की समस्यायों को प्रमुखता से उठाया है।
श्री रावत ने कहा की डॉ कपिल देव रावत के संघर्ष की प्रेरणा लेनी चाहिए।
पूर्व विधायक ने कहा कि विकास के बहुत आयाम होते हैं। सड़क, बिजली, अस्पताल, शिक्षा आदि। उन्होंने बताया कि सोच की बात होती है। विकास के लिए धनराशि निरंतर जारी होती रहती है प्रत्येक विधानसभा अंतर्गत। उन्होंने कहा कि पूर्व में मेरे कार्यकाल में यमुना घाटी के गंगनानी में सामुदायिक विवाह टेंट हाउस के लिए शासनादेश जारी करवाया और धन राशि भी स्वीकृत करवाया थी, अब अंतिम चरण में लेकिन वर्तमान समय में जुम्मेवार जनप्रतिनिधि जो अंतिम किस्त जारी नहीं करवा पा रहे हैं। धनराशि के आभाव के कारण यह भवन अधर में लटका है । उन्होंने कहा इसके बनने से सादी विवाह में श्रम और समय दोनों बचाये जा सकता है।


इस दौरान डॉ कपिल देव रावत ने सभी अतिथियों का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बता दें कि इस पुस्तक लेखक वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पंचोली है उन्होंने इस पुस्तक में बनाने की संघर्ष गाथा है। पिछले 12 वर्षों में उनके पास दो हजार ऐसे पत्र हैं, जो पटवारी से लेकर प्रधानमंत्री तक को संबोधित किये गये हैं। इन्हीं पत्रों की बदौलत कपिल ने लोगों के दिलो में अपनी स्पष्ट जगह बनाई है। कह सकते कि इस आधुनिक युग में पत्र आन्दोलन के जनक कपिल देव रावत ही हैं।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए नगरपालिका बड़कोट में पिछले 12 वर्षों से डॉ. कपिल देव रावत लगातार यहां के ज्वलंत मु्द्दों को सेवा और विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाने के लिए पत्रों के माध्यम से सत्ता और जनता के बीच सेतु का कार्य कर रहे है।
गौरतलब है कि इस क्षेत्र के लोग अपनी खेती किसानी से जुड़े रहते हैं। मिलाकर यहां के लोग सदैव लोक अधिकारों के प्रति सचेत रहे हैं। इन्हीं कार्यों को मूर्तरूप दे रहे हैं डॉ. कपिल देव रावत। पिछले 12 वर्षों से यमुनाघाटी स्थित बड़कोट निवासी डॉ. कपिल देव रावत ऐसे ही लोक आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। लोक आन्दोलन यानि पत्रों के माध्यम से जन समस्या को सरकार तक पहुंचाना और उन पर कार्रवाई करवाना जैसे एक सूत्री कार्य कपिल ने अपनी जिम्मेदारी का हिस्सा बनाया हुआ है। वे सरकार के संज्ञान में लिखित रूप से बताते हैं कि किस जगह पर क्या समस्या हो रही है। एक बार नही कई बार पत्र व्यवहार करके ऐसे मुद्दों को उठाते रहते हैं।
उल्लेखनीय हो कि कपिल के पास पत्र व्यवहार का एक अच्छा खासा जखीरा है। वे लोगों की किसी भी समस्या के प्रति लगातार संवेदनशील दिखते है। वह समाज के हर वर्ग एवं गरीब तबके की समस्या को लेकर सरकार तक पहुंचाने के लिए पत्र व्यवहार का ही सहारा लेते है। अब तो लोग उन्हें पत्र आन्दोलन के जनक भी कहने लगे हैं। क्षेत्र में कोई भी समस्या हो, लोग कहते हैं कि कपिल के पास जाओ वे समस्या का समाधान करवा येंगे। डॉ. कपिल देव रावत का समाज सेवा के प्रति ऐसा रूझान है कि वह किसी भी नागरिक की समस्या को लेकर खड़े हो जाते हैं। उन्हे विश्वास दिलाते हैं कि वे उनके हर सुख-दुःख के साथ खड़े है। इसी भावनात्मक स्वरूप के कारण डॉ. कपिल देव रावत लोगों के चहेते हो गये है। बता दें कि कपिल सरकार और समाज के मध्य एक सेतु का काम करते हैं। वे किसी भी समस्या के समाधान के लिए सरकार के साथ पत्र व्यवहार करते हैं।
इससे पूर्व किशोरी लाल द्वारा रचित डॉ कपिल देव रावत आधारित गीत का भी लोकार्पण किया है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जशोदा राणा, जयपाल सिंह , महिपाल सिंह असवाल, अबल चंद कुमाई, सीता राम गौड़, शक्ति प्रसाद सेमवाल, ई रमेश ,सभी देवी-देवता के मुख्य माली,
मंच का संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रेम पंचोली ने किया।

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