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बाबा बौखनाग के नाम से जाना जायेगी सिल्क्यारा टनल। : धामी

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मुख्यमंत्री धामी ने किया सिल्क्यारा टनल का ब्रेक-थ्रू ।।

जिस सुरंग में फंसे थे 17 दिनों तक 41 मजदूर ।।

बाबा बौखनाग के नाम से जाना जायेगी सिल्क्यारा टनल। : धामी

टनल के मुहाने पर नवनिर्मित बौख नाग मंदिर की प्रतिमा प्रतिष्ठा हुईं प्रारम्भ।।

सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर तक कम हो जाएगी,

उत्तरकाशी: दो धामों को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित सिल्क्यारा टनल का आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , केन्द्रीय सड़क राज्य मंत्री अजय टम्टा ने ब्रेक-थ्रू एवं नवनिर्मित बाबा बौख नाग देवता मंदिर की तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा प्रारंभ किया है ।

मुख्यमंत्री ने सिल्क्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिल्क्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।


मुख्यमंत्री पुष्कर ने कहा कि सिल्क्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलता पूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।

इस, दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राडी टॉप पर बर्फबारी, दुर्घटनाओं और दुर्गम परिस्थितियों के कारण जो मार्ग वर्षों से चुनौती बना हुआ था, वह अब सुगम और सुरक्षित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सिल्क्यारा टनल उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए एक क्रांतिकारी उपलब्धि है। यह सुरंग अब एक से डेढ़ घंटे की कठिन और जोखिम भरी दूरी को केवल 8-10 मिनट में तय हो जायेगी।जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनते हुए हमें गर्व की अनुभूति हुई, जब विकास और आस्था—दोनों के प्रतीक इस आयोजन में शरिक होने का सौभाग्य मिला।
बता दें कि 1384 करोड़ रुपये की लागत से निमार्ण निर्माणअधीन
सिल्क्यारा सुरंग का निर्माण 9 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था। जिसमें सिविल निर्माण, भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास, तथा 4 वर्षों के लिए सुरंग के संचालन और रखरखाव की लागत शामिल है।
कार्यदाई संस्था एन.एच. आई. डी. सी. एल. कर्मीयों ने संयुक्त रूप से धरासू – यमुनोत्री हाईवे पर सिल्क्यारा में 4.531 किमी लंबी सुरंग

इसे दौरान इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों मांग रखी कि सुरंग का नाम बाबा बौख नाग देवता रखा जाए मुख्यमंत्री ने एन एच आई डीसीएल एमडी को कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा किया जाय।
गौरतलब है कि अमेरिका की आगर मशीन ने पहाड़ के आगे घुटने टेक दिए थे तब दुनिया भर से आई हुई है तब बाबा बौख नाग अपनी कृपा दृष्टि देकर वचन दिया था कि 2 दिन में सभी 41 श्रमिकों को शकुशल बाहर निकाल दूंगा कंपनी ने सुरंग के मुहाने पर बाबा बौख नाग देवता मंदिर की घोषणा की थी जो आज पूरी हो चुकी है।

इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री प्रदीप टम्टा, पुरोला क्षेत्र के विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिंह चौहान,विधायक सुरेश चौहान, संजय डोभाल, एन एच आई डीसीएल के प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग डॉ. कृष्ण कुमार अमरेंद्र कुमार, जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक श्रीमती सरिता डोबाल, सीडीओ एस एल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी पी एल शाह, उपजिलाधिकारी डुंडा देवानंद शर्मा,मुकेश चन्द्र रमोला,समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे है।
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मुख्यमंत्री घोषणा ये कि घोषणा

1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा।
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।

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