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सरकारी कार्यालयों में बंद बोतल मे पानी प्रतिबंध का आदेश रहा बेअसर……

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अल्मोड़ा। सरकारी कार्यालयों में बोतल बंद पानी का प्रयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है लेकिन जिले में बृहस्पतिवार को इसका असर नही  दिखाई दिया।

 

शासनादेश में प्लास्टिक, थर्माकोल से बने 22 उत्पादों के विनिर्माण, भंडारण, खरीद बिक्री और उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। तो सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक की बोतल में बंद पानी के प्रयोग को भी बंद कर दिया गया है। आदेश के बावजूद बृहस्पतिवार को जिले के सरकारी दफ्तरों में आदेश बेअसर दिखा।

 

जिला अस्पताल परिसर में भी कुछ स्थानों पर प्लास्टिक की खाली बोतलें पड़ी थीं। कुछ मरीज भी प्लास्टिक की बोतल में पानी भरते हुए देखे गए।  तो दूसरी तरफ सरकार ने सरकारी कार्यालयों में तो पानी की बोतलें प्रतिबंधित कर दी हैं लेकिन बाजार में प्लास्टिक की पानी की बोतल धड़ल्ले से बिक रही है।

 

प्लास्टिक की बोतलों के बदले अब सरकारी कार्यालयों में तांबे की बोतलों का इस्तेमाल किया जाएगा। तांबे की बोतलों का प्रयोग पहले से भी होते आ रहा है इसे और बढ़ावा दिया जाएगा। शुक्रवार को इसी संबंध में बैठक भी आयोजित की गई है।

 

बागेश्वर नहीं दिखीं प्लास्टिक की बोतलें।

बागेश्वर। प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू ने प्लास्टिक उन्मूलन के तहत सरकारी दफ्तरों में बृहस्पतिवार से प्लास्टिक की पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।  तो बागेश्वर के सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग रुक गया है।
जिले में करीब तीन साल पहले तत्कालीन डीएम रंजना राजगुरु ने सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक की बोतलों पर प्रतिबंध लगा दिया था, इस आदेश का काफी हद तक असर भी दिखा।

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