बता दे कि चार धाम की यात्रा के साथ इस बार चमोली के प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूटों पर रिकॉर्ड तोड़ सैलानी पहुंचे हैं। इस साल हिमालय की ऊंची ऊंची चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर प्रकृति की सुंदरता को देखने के लिए भारी संख्या में सैलानियों का आवागमन वर्षभर पहाड़ों में रहा है। लगभग 3000 से अधिक सैलानी ऊंचे हिमालय क्षेत्रों के ट्रैक पर पहुंचे हैं।
तो दूसरी तरफ नंदा देवी बायोस्फीयर लगभग 7817 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पार्क पर पहुंचन संभव नहीं है. यहाँ सबसे पहले डब्ब्लू गार्डन 1883 में क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था. बाद में भारत सरकार ने 1982 में क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया और बाद में इसे बायोस्फीयर रिजर्व का विशेष दर्जा दिया गया. उसके बाद यहां पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे, लेकिन हाई अल्टीट्यूड होने की वजह से यहां पहुंचना इतना आसान नहीं है। 5 साल में 17 पर्यटक आना अपने आप में सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
तो वही बुग्याली इलाकों में सैलानियों का आना बहुत ही सुखद समाचार माना जा रहा है। आने वाले समय में पहाड़ों में रोजगार के साधन बन रहे है।