उत्तराखंड: होली खेलने के दौरान हुड़दंग और हादसों में घायल होने वाले लोगों के इलाज के लिए दून के अस्पताल तैयार हैं। इसे लेकर दून अस्पताल के अलावा गांधी शताब्दी और कोरोनेशन अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। हड्डी रोग, त्वचा रोग, नेत्र रोग विशेषज्ञों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा एंबुलेंस को भी अलर्ट पर रखा गया है।
शहर में दून अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में रोस्टर के मुताबिक डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही है। बता दें कि होली खेलने के दौरान कई लोग हुड़दंग के चलते घायल हो जाते हैं। इसके अलावा सड़क हादसे भी इस दौरान बहुत होते हैं। वहीं, केमिकल युक्त रंगों के कारण भी लोगों की त्वचा पर बुरा असर पड़ता है।
इन्हीं को देखते हुए उक्त व्यवस्था की गई है। दून अस्पताल के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि डॉक्टरों की रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी लगाई गई है। जो डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे उनकी जगह पर अन्य डॉक्टर तैनात रहेंगे। वहीं, सीएमओ डॉ. संजय जैन ने बताया कि अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं दूसरी तरफ टिहरी बाँध जलाशय में संचालित होने वाले समस्त वाटर स्पोर्टस संचालकों को होली के दिन बोटिंग बंद रखने के लिए सूचित कर दिया है। आदेश में कहा गया कि होली अवकाश के दिन कोई भी बोट, जेटस्की एवं अन्य किसी भी प्रकार के जलयान का संचालन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
होली पर चटख रंग न सिर्फ आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बल्कि एक्जिमा, इरिटेंट कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (आईसीडी), एलर्जी कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस (एसीडी) जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना भी बनी रहती है। नेत्र रोग और त्वचा रोग विशेषज्ञों के मुताबिक चटख रंगों में मौजूद जस्ता, सीसा, सिलिका, पोटेशियम, क्रोमियम जैसे खतरनाक तत्व आंख और त्वचा के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक होली के दौरान खतरनाक रंगों से आंखों को बचाना बहुत जरूरी है। रंगों में मौजूद खतरनाक रासायनिक तत्व आंखों में चले जाने से जलन होने लगती है। ऐसे में लोग आंखों को रगड़ देते हैं।
आंखों को रगड़ें नहीं, बल्कि साफ पानी से आंख को 15 से 20 मिनट तक लगातार धोएं। इसके बाद भी ठीक न हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाएं। रंगों के आंखों में पड़ जाने से तुरंत सफाई न की जाए तो कई बार आंखों में समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में बेहतर है कि होली के दौरान हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें।