उत्तराखंड

एडीजी कानून व्यवस्था ने पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के दिए निर्देश

Listen to this article

एडीजी कानून व्यवस्था ने पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं। चर्चित सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी समेत 10 कंपनियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में सख्त बड्स एक्ट की धाराएं जोड़ी जाएंगी। इन कंपनियों ने प्रदेश में करोड़ों रुपये की ठगी की है। इसके अलावा किट्टी कमेटी में धोखाधड़ी के मामलों में भी बड्स एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।

एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने बताया कि इस तरह की धोखाधड़ी में पहले आईपीसी की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज होता था। इनमें ज्यादातर धाराएं गिरफ्तारी वाली नहीं हैं। ऐसे में धोखेबाज डायरेक्टर और कंपनियां आसानी से बच निकलती थीं। बीते वर्षों में शारदा चिट-फंड घोटाले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त कानून बनाने के बारे में सोचा था। इसके बाद वर्ष 2019 में बड्स एक्ट संसद में पास किया गया। देशभर में इसके तहत कार्रवाई की जा रही है।

उत्तराखंड में भी कई ऐसी कंपनियों ने लोगों के करोड़ों रुपये ठगे हैं। इनमें 50 से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं। ऐसे में अब पुलिस को निर्देशित किया गया है कि इन मुकदमों में भी बड्स एक्ट की धाराएं जोड़कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करें।
एडीजी ने बताया कि इस कानून के लिए एक विशेष अदालत भी बनाई गई है। पूरे प्रदेश के लिए इसी को नामित किया गया है। यानी रिमांड के लिए मुल्जिमों को देहरादून ही लाया जाएगा। पांच दिन पहले उत्तरकाशी में दिव्यांश ग्रुप के डायरेक्टरों पर इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन, उत्तरकाशी कोर्ट ने इसमें मुल्जिमों की रिमांड नहीं दी थी। ऐसे में अब उन्हें देहरादून कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

ज्वालापुर, हरिद्वार में कबीर म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड (मुस्लिम फंड) ने भी धोखाधड़ी से धन इकट्ठा किया था। मामले में पुलिस ने संचालक अब्दुल रज्जाक, मसरूफ, नसीम उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार किया था। इनसे निवेशकों का 65 तोला सोना बरामद किया गया था। पिथौरागढ़ के थाना थल में भी प्रकाश उपाध्याय ने निर्मल वंग व रॉयल पैंथर कंपनी खोलकर इसी तरह एक करोड़ 30 लाख की धोखाधड़ी की। मुकदमा दर्ज कर उसके खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई की गई। लगभग 42 लाख की संपत्ति जब्त की गई थी। अब इन दोनों मामलों में भी बड्स एक्ट की धाराएं जोड़ी जाएंगी।

जनशक्ति मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी, जनहित निधि लि., सर्वोत्तम एग्रो को-ऑपरेटिव सोसायटी, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, हमारा इंडिया सोसायटी लिमिटेड, एली ग्लोबल फाइनेंस कंपनी, निर्मल वंग व रॉयल पैंथर कंपनी, सरमाउंट फार्मिंग इंडिया लिमिटेड, सुभत्तम मल्टी ट्रेड प्रा. लिमिटेड, विदित अक्षम विजन निधि लिमिटेड।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!