20 से 25 कुंतल ट्राउट मछलियों को किया जा रहा है उत्पादन
श्री नागराज मत्स्य जीव उत्पादन सहकारी समिति को 10 लाख सालाना की हो रही मछ्ली से आय
उत्तरकाशी – जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा शुक्रवार को विकास खण्ड डुण्डा के ग्राम सिंगोट में श्री नागराजा मत्स्य जीवी उत्पादन सहकारी समिति द्वारा संचालित किये जा रहे ट्राउट मत्स्य प्लान्ट का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने श्री नागराजा मत्स्य जीवी उत्पादन सहकारी समिति के अध्यक्ष विनय कुमार से उनके मत्स्य व्यवसाय की प्रगति के बारे में जानकारी ली। समिति के अध्यक्ष विनय कुमार ने बताया कि वर्तमान में कुल 20 यूनिट ट्राउट मत्स्य टैंक पर कार्य चल रहा है। प्लान्ट में प्रतिवर्ष 20 से 25 कुन्तल ट्राउट मत्स्य का उत्पादन किया जा रहा है। जिससे समिति को लगभग रुपये 10 लाख सालाना आय प्राप्त हो रही है। इसके अलावा समिति द्वारा ट्राउट मत्स्य बीज का भी उत्पादन कर जनपद उत्तरकाशी व टिहरी के मत्स्य पालकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। मत्स्य बीज से भी समिति को लगभग रुपये 5 लाख की सालाना आय हो रही है। जिलाधिकारी द्वारा ट्राउट मत्स्य व्यवसाय की प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की गयी। वहीं जिलाधिकारी ने ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक विशेश्वर प्रसाद को निर्देश दिये कि समिति को ट्राउट मत्स्य के विक्रय हेतु उचित बाजार उपलब्ध कराने के विशेष प्रयास किये जाये। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि ट्राउट रेसवेज की मरम्मत कार्य हेतु अगले वित्तीय वर्ष की जिला योजना में प्रस्ताव रखा जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जनपद के कमजोर वर्ग के अन्य लोगों को भी मत्स्य व्यवसाय से जोड़ा जाय ताकि वे खुद का व्यवसाय स्थापित कर अच्छी आय प्राप्त कर सके। जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण युवाओं से भी वार्ता की गयी तथा युवाओं को पशुपालन व अन्य व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया।
ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक विशेश्वर प्रसाद ने बताया की श्री नागराजा मत्स्य जीवी उत्पादन सहकारी समिति ने वर्ष 2015-16 में शीत जल मात्स्कीय निदेशालय भीमताल के सहयोग से 4 यूनिट ट्राउट मत्स्य तालाब की शुरूआत की थी। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला मत्स्य विभाग द्वारा ब्लू रेगुलेशन योजना के अन्तर्गत पुनः इस समिति को रुपये साढ़े चार लाख प्रति यूनिट निर्माण व निवेश लागत के साथ 3 यूनिट ट्राउट तालाब बनाकर दिया गया। जिस पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया गया। इसके बाद पुन वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी इस समिति को रुपये साढ़े चार लाख प्रति यूनिट निर्माण व निवेश लागत के साथ 2 यूनिट ट्राउट तालाब बनाकर दिया गया। जिस पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2018-2019 में भी इस समिति को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत रुपये साढ़े चार लाख प्रति यूनिट निर्माण व निवेश लागत के साथ 10 यूनिट ट्राउट मत्स्य तालाब बनाकर दिया गया जिस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया गया। वर्तमान में कुल 20 यूनिट तालाब पर कार्य चल रहा है।
इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा राजकीय इण्टर कॉलेज गढ़ बरसाली डुण्डा का भी स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। जिलाधिकारी द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया गया तथा कॉलेज के प्रधानाचार्य से कॉलेज में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थित की जानकारी ली गयी। जिलाधिकारी ने कॉलेज के विद्यार्थियो से प्रश्न पूछ कर शिक्षा की गुणवत्ता का आंकलन भी किया। जिलाधिकारी ने कॉलेज के प्रधानाचार्य नत्थीलाल शाह को निर्देश दिये कि शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर करने के प्रयास किये जाय। उन्होंने कहा कि समय-समय पर अभिवावको की मीटिंग बुलाई जाय तथा विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को लेकर चर्चा की जाय