उत्तरकाशी 06, जून। सहस्त्रताल रेस्क्यू अभियान में लापता चार ट्रैकर्स के शव को रेस्क्यू टीम ने एयरलिफ्ट कर लिया है। बुधवार को खराब मौसम के बाद 13 ट्रैकर्स सुरक्षित निकाल लिया गया । वहीं पांच शव को भी निकाल लिया गया जबकि चार ट्रैकर्स लापता थे। खोज एवं बचाओ कार्य में खराब मौसम रोडा बन रहा था।
गुरूवार को प्रातः हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू टीम ने उत्तरकाशी से उड़ान भरी है घटना स्थल से 4 लापता ट्रैकर्स के शव को एयरलिफ्ट कर भटवाडी़ पहुंचा दिया।
जिलाधिकारी डाक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट , पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरी निगाह गाढ़े थे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी एसडीआरएफ, राजस्व, पुलिस , निम, वन विभाग के आला अधिकारियों की पीठ थपथपाई है।
04 ट्रेकर्स के शव को एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम ने हेलीकॉप्टर से घटनास्थल से भटवाड़ी पहुँचा दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के समाप्त होने पर एस0डी0आर0एफ की टीम भटवाड़ी,उत्तरकाशी पहुंच गई है l
मृतकों का विवरण:-
1. श्री वेकटेश, निवासी बैंगलोर
2. श्री पदनाध कुण्डपुर कृष्णामूर्ति, निवासी बैंगलोर,
3. अनीता रंगप्पा, निवासी बैंगलोर
4. पद्मिनी हेगडे, निवासी बैंगलोर
- बता दें कि मंगलवार को सायं ट्रैकिंग एसोसिएशन द्वारा आपातकालीन परिचालन केन्द्र, उत्तरकाशी को सूचना दी थी कि हिमालयन व्यू ट्रैकिंग कम्पनी, उत्तरकाशी का कर्नाटक के 22 सदस्य दल ट्रैकिंग हेतु गत 30 मई को उत्तरकाशी-टिहरी गढ़वाल सीमा से लगे मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण से होते हुए सहस्त्रताल (ऊचॉई 4232 मीटर) हेतु गया था। राजेश ट्रेक लीडर ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण 3 जून को सहस्त्रताल से उत्तरकाशी तरफ 3.5 किमी० कुठलीटॉप में 13 ट्रैकर्स है जिसमें 04 ट्रैकर्स की मृत्यु एवं 09 ट्रैकर्स का स्वास्थ्य खराब है। 07 ट्रैकर्स धर्मशाला बैस कैम्प में, 02 ट्रैकर्स धर्मशला से 16.-17 किमी0 कुशकल्याण में सुरक्षित है। सहस्त्रताल से उत्तरकाशी तरफ 3.5 किमी० कुठलीटॉप में 05 ट्रैकर्स की मृत्यु एवं 09 ट्रैकर्स का स्वास्थ्य खराब हेतु कुल 13 सदस्यों को रेस्क्यू किया गया है गया था। गुरूवार को लापता चार ट्रैकर्स शव को बरामद कर एयरलिफ्ट कर दिया गया। अब मृतकों की कुल संख्या नौ हो गई है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार प्रातः कंमाडर मणिकांत मिश्रा ने एसडीआरएफ की टीम को देहरादून से ब्रीफ कर उत्तरकाशी के लिए रवानगी की वहीं जिलाधिकारी के अनुरोध भारतीय
वायु सेना एक एमआई-17 हेलीकॉप्ट और एसडीआरएफ तथा अन्य संगठनों के द्वारा चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान को संचालित कया गया।