सड़क के लिए सरकार से गुहार लगाते टूटा सब्र का बांध , ग्रामीणों ने खुद उठाया सड़क बनाने का जिम्मा, सेकू गांव के लोगों ने सड़क निर्माण के लिए किया था लोकसभा चुनाव का बहिष्कार।
उत्तरकाशी। अस्सी गंगा घाटी के की गांव आज भी सड़क सुविधाओं के लिए मुहताज है। संगम चट्टी से महज पांच किलोमीटर दूर सेकू गांव में सड़क के लिए ग्रामीणों ने सरकार के सामने गुहार लगाते- लगाते अब टूट गये हैं।
बुधवार को गांव की महिलाओं व पुरुषों डबल इंजन सरकार को आईना दिखाते हुए मिल कर श्रमदान में सड़क मार्ग तैयार करने जुट गये हैं।
गौरतलब है कि डोडी ताल क्षेत्र से लगी अस्सी गंगा घाटी पयर्टन के लिहाज प्रसिद्ध है लेकिन क्षेत्र में ड़क हों या फिर पैदल आवाजाही के रास्ते हालात खराब हैं। संगमचट्टी से लेकर सेकू गांव तक के लगभग पांच किलोमीटर के सड़क न बनने से ग्रामीण ,जनप्रतिनिधियों , महिलाएं ने लोनिवि व वन की अनदेखी के चलते अब गाँव के मार्ग को बनाने के लिये खुद जिम्मा उठा लिया है । जबकि सेकू के ग्रामीण लंबे समय से मार्ग बनाये जाने और उसमें सुधार करने की मांग करते आ रहे हैं। बता दे कि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव में मार्ग नही तो वोट नहीं का फॉर्मूला ग्रामीणों ने वोट नहीं किया।
क्षेत्र के पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह रावत ने बताया कि सेकू गांव तक सड़क होती तो डोडी ताल क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ता । सेकू गांव से निकट दयारा बुग्याल, बकरियां टॉप,डोडीताल व इसके नजदीकी अन्य प्राकृतिक जल स्रोत व ताल जाने वाले पर्यटकों को भी ट्रेकिंग, सैरसपाटे से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता और उत्तराखंड सरकार का भी आय का अर्जित करती।
सड़क के श्रमदान में ग्राम प्रधान सेकू नत्थी लाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमल सिंह रावत,गोपाल सिंह रावत,प्रताप सिंह,शिव सिंह,अवतार सिंह,प्यारे लाल,जयश्री रावत, सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।