बदरीनाथ-केदारनाथ धाम की राह होगी आसान, बाईपास से कालीमठ सहित घाटी के प्राचीन मठ-मंदिरों तक भी श्रद्धालु पहुंच सकेंगे
उत्तराखंड मैं जल्द ही चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है 22 अप्रैल से यात्रा शुरू होगी जिसे लेकर उत्तराखंड सरकार सभी तैयारियां कर चुकी है। एक तरफ जहां केदारनाथ को पुनर्निर्माण के तहत भव्य रूप दिया जा रहा है। वहीं, सोनप्रयाग से गौरीकुंड रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। अब केदारनाथ को कालीमठ घाटी से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत सोनप्रयाग से कालीमठ-गुप्तकाशी तक डबल लेन बाईपास का निर्माण की योजना है।
उत्तराखंड में 22 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है जिसे देखकर लाखों की संख्या में भक्तों ने पंजीकरण करवाया है वही केदारनाथ यात्रा को सरल व सुलभ बनाने के लिए सोनप्रयाग से कालीमठ होते हुए गुप्तकाशी तक वन-वे बाईपास का निर्माण किया जाएगा। आप को बता दे की इस बाईपास पर सोनप्रयाग से कालीमठ के बीच आठ किमी लंबी सुरंग बनेगी। बाईपास से कालीमठ सहित घाटी के प्राचीन मठ-मंदिरों तक भी श्रद्धालु पहुंच सकेंगे। मुख्य सचिव ने हेलीकॉप्टर से पूरी कालीमठ घाटी का हवाई निरीक्षण कर बाईपास व सुरंग निर्माण की संभावनाओं का जायजा लिया।लोगों को रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी। इस बाईपास का उपयोग वन-वे के तहत किया जाएगा।