बता दे की पेपर लीक मामले में पुलिस की जांच की सुई और आयोग की टीन तरफ घूम रही है। तो पुलिस मुख्यालय ने आयोग के छह कर्मचारियों और आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की है।
तो स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक 35 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सबसे बड़ी गिरफ्तारी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन लिमिटेड के मालिक राजेश चौहान की मानी जा रही है। तो एसटीएफ की अब तक की जांच में बड़े-बड़े नाम सामने आए, लेकिन आयोग की आपराधिक भूमिका का पता नहीं चल पा रहा था। इसमें अब तक आयोग के दो पूर्व कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों संविदा पर तैनात थे।
बता दे की यह एक षड्यंत्र का रूप लेती नजर आ रही है। इसकी परतें खोलने के लिए विजिलेंस को काम पर लगाने पर विचार हो रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने आयोग के छह कर्मचारियों और आरएमएस कंपनी के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। शासन के आधिकारिक सूत्रों ने इस सिफारिशी पत्र के मिलने की पुष्टि की है। बता दें कि अभी तक दरोगा भर्ती मामले में विजिलेंस को आदेश की कॉपी नहीं मिली है।
फस सकते है बड़े नाम
अगर विजिलेंस जांच होती है तो बड़े-बड़े नाम भी फंस सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसमें आयोग के कुछ जिम्मेदार लोगों की बड़ी लापरवाही रही है। अब यह लापरवाही है तो परीक्षा की सारी गोपनीय प्रक्रियाओं की वीडियोग्राफी होती है। परीक्षा केंद्रों पर भी वीडियोग्राफी होती है, लेकिन गलती पर गलती होती गई और आयोग को पता ही नहीं चला।