शासन से मंजूरी मिलते ही आढ़त बाजार को शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा
सहारनपुर चौक से रेलवे स्टेशन के बीच बसे आढ़त बाजार को शिफ्ट करने की कवायद तेजी से चल रही है। एमडीडीए की टीम ने मंगलवार को थोक व्यापारियों को नए आढ़त बाजार के लिए प्रस्तावित 109 बीघा भूमि दिखाई। यह जगह व्यापारियों को पसंद आई। उन्होंने सहमति देते हुए कहा कि जमीन हरिद्वार बाईपास पर स्थित है। इसलिए यहां कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं होगी।
अब एमडीडीए व्यापारियों के लिए विस्थापन नीति को शासन से मंजूरी की कोशिश में लग गया है। मंजूरी मिलते ही आढ़त बाजार को शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा। एमडीडीए ने छह महीने में नई आढ़त मंडी तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बजट का भी प्रावधान कर दिया गया है।
मंगलवार को एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी और सचिव मोहन सिंह बरनिया ने व्यापारियों के साथ भूमि का निरीक्षण किया। व्यापारियों ने जगह देखने के बाद उस पर अपनी सहमति दी। कहा कि यहां ट्रक आसानी से माल लेकर आ सकेंगे। वहीं, पटेलनगर थाने के पीछे लिंक मार्ग से भी यह जमीन जुड़ी हुई है।
इसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। व्यापारियों ने कहा कि एमडीडीए प्रशासन जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी करे। ताकि, भूखंडों पर दुकानों का निर्माण कराया जा सके। इस दौरान व्यापारियों ने एमडीडीए को सुझाव भी दिए। कहा कि नई आढ़त मंडी का निर्माण ट्रांसपोर्ट नगर की तर्ज पर किया जाए। इस पर एमडीडीए अफसरों ने कहा कि नई आढ़त मंडी को बेहद सुविधाजनक बनाया जाएगा।
नई आढ़त मंडी के लिए प्रस्तावित स्थल पर कबाड़ की कुछ दुकानें पाई गईं। इस दौरान यह तय किया गया कि इन्हें यहां से हटाया जाएगा। इन्हें विस्थापित करते हुए दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा।
पटेलनगर थाने के पीछे स्थित यह जगह करीब 109 बीघा है। इस पर सभी थोक व्यापारियों को शिफ्ट करने के बाद एमडीडीए जगह बचने पर अपनी अन्य परियोजनाओं में इस शेष जमीन का प्रयोग करेगा।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष ने बताया कि नई आढ़त मंडी को हरिद्वार बाईपास पर यू-आकार में बनाया जाएगा। इसमें एक लेन से वाहन मंडी में प्रवेश करेंगे। जबकि, दूसरी लेन से बाहर की ओर निकल जाएंगे। इन्हीं दोनों लेनों के चारों तरफ दुकानें बनाई जाएंगी।
प्रस्तावित स्थल के एक तरफ बिंदाल नदी है। इसके करीब हरित पट्टी विकसित की जाएगी। वहीं, नई मंडी को खूबसूरत बनाने के लिए यहां पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण भी किया जाएगा। इस पर भी निरीक्षण के दौरान सहमति बनी।
एमडीडीए की ओर से आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए विस्थापन नीति लगभग तैयार कर ली गई है। इसमें आढ़त व्यापारियों को शिफ्ट करने के लिए फार्मूला तय किया गया है। वहीं, अन्य दुकानदारों को यहां दुकान देने का भी रास्ता निकाला गया है। इसे शासन में भेजकर अंतिम मुहर लगवाई जाएगी।
व्यापारियों को नई आढ़त मंडी के लिए हरिद्वार बाईपास स्थित यह जगह पसंद आ गई है। अब मंडी शिफ्टिंग के कार्य में तेजी लाई जाएगी