covid -19उत्तराखंडस्वास्थ्य

अब ऋषिकेश एम्स में भी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा

Listen to this article

अब ऋषिकेश एम्स में भी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा मिल पाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन मिलने के बाद एम्स में अब लैब का सेटअप तैयार किया जा रहा है।

बता दें कि कोरोना की आशंका को देखते हुए एम्स में पिछले डेढ़ साल से जीनोम सिक्वेंसिंग लैब स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आखिरकार केंद्र से स्वीकृति मिलने के साथ एम्स पिछले साल दिसंबर 1.92 करोड़ रुपये की जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन खरीदने में सफल रहा।

जीनोम सिक्वेंसिंग—

जिस तरह इंसान का शरीर डीएनए से मिलकर बनता है, वैसे ही वायरस डीएनए या आरएनए से बनता है। कोरोना वायरस आरएनए से बना है। जीनोम सीक्वेंसिंग वो तकनीक है, जिससे वायरस की अनुवांशिक जानकारी मिलती है। जीनोम सीक्वेंसिंग से वायरस की संरचना, व्यवहार, प्रसार यानी उसके पूरे बायोडाटा की जानकारी मिल जाती है। वहीं वायरस के नए वैरिएंट के बारे में भी इसी तरह की जानकारी मिलती है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!