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जोशीमठ धार्मिक पौराणिक एवं ऐतिहासिक शहर ही नहीं बल्कि ये सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण

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जोशीमठ धार्मिक पौराणिक एवं ऐतिहासिक शहर ही नहीं बल्कि ये सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से भारत तिब्बत सीमा महज 100 किलोमीटर की दूरी पर है। अब भू-धंसाव का क्षेत्र सेना और आईटीबीपी कैंप की ओर बढ़ना शुरू हो गया है। सेना मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क भी धंसनी शुरू हो गई है

 

जोशीमठ में सेना की ब्रिगेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बटालियन तैनात है। जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा का अंतिम शहर है। यहां से नीति और माणा घाटी भारत तिब्बत सीमा से जुड़ती है।और भू-धंसाव का क्षेत्र अब सेना और आईटीबीपी के कैंप की ओर भी बढ़ना शुरू हो गया है। कैंप की सड़क धंसने के साथ ही सीमा का जोड़ने वाला मलारी हाईवे पर धंस गया है।

 

बता दें कि वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ था। उस समय इस सीमांत इलाके में भारतीय सेना नहीं थी लेकिन उसके बाद इस संवेदनशील क्षेत्र में सेना की तैनाती की गई। इसके अलावा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी यहां तैनात किए गए। अक्सर भारत के सीमावर्ती क्षेत्र बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की घटनाएं होती रहती हैं। वर्ष 2022 में चीनी सैनिकों ने बार घुसपैठ की कोशिश की। वर्ष 2021 में बाड़ाहोती में चीन के करीब 100 सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस किया था। इतना ही नहीं वर्ष 2014-18 तक करीब 10 बार चीन सीमा पर घुसपैठ कर चुका है। हालांकि हर बार आईटीबीपी के जवानों के आगे चीन के सैनिकों की नहीं चली।

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