उत्तरकाशी के केंद्रीय विद्यालय मनेरा के प्रधानाचार्य मनीषा मखीजा ने पत्रकारों रूबरू होते हुए कार्यक्रम जानकारी दी , परीक्षा पर चर्चा के संचालन में दो केंद्रीय विद्यालय व दो नवोदय विद्यालय के छात्र होंगे शामिल । देश के प्रधानमंत्री 1 अप्रैल को 11:00 बजे सभी स्कूलों के बच्चों से और अभिभावकों से संवाद करेंगे परीक्षा के पांचवी संस्करण के रूप में इस वर्ष पूरा देश इस घड़ी की प्रतीक्षा कर रहा है यह कार्यक्रम बच्चों के मन के भय को भागने के लिए विशेष प्रतिक्षित रहता हैं । बच्चों में उत्साह हैं इस कार्यक्रम को लेकर इस कार्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय के दो छात्रों का राष्ट्रीयस्तर पर चयन किया गया । जो इस कार्यक्रम रूपरेखा में अहम भूमिका निभाएंगे । दो छात्रों को जवाहर नवोदय विद्यालय से लिये गए हैं ।वंही इस मौके पर केंद्रीय विद्यालय के बच्चों ने कला कृत्यों एक कार्यक्रम रखा गया हैं । जो बच्चों का मनोबलबढ़ाने का काम करेगी ।
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीषा मखीजा और टीम चर्चा करते हुए ।
शिक्षा मंत्रालय धर्मेंद्र प्रधान ने तनाव मुक्त परीक्षा सनिश्चित करने के लिए परीक्षा पे चर्चा को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम परीक्षा से चर्चा का 5 वां संस्करण 1 अप्रैल , 2022 को आयोजित होगा भारत और विदेशों के करोड़ों छात्र शिक्षक और अभिभावक वर्चुअल तौर पर भागीदारी करेंगे रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता के लिए लगभग 15.7 लाख प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक पंजीकरण कराया गया ।
चर्चा के 5 वें संस्करण के दौरान दुनिया भर के छात्रों , शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत करेंगे ।
जिसमें प्रधानमंत्री एक जीवंत कार्यक्रम में अपनी अनूठी आकर्षक शैली में परीक्षा के तनाव और संबंधित क्षेत्रों से संबंधित छात्रों द्वारा पूछे गए गए सवालों के जवाब देते हैं ।
परीक्षा पे चर्चा ( पीपीसी ) को एक जन आंदोलन बताते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने देश के कोविड -19 महामारी से उबरने और परीक्षाओं के ऑफलाइन मोड में जाने के मध्यनजर रखते हुए । 21 वीं सदी की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण में पीपीसी जैसी पहलों के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पीपीसी एक औपचारिक संस्था बन रही है जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री सीधे छात्रों से बातचीत करते हैं । उन्होंने बताया कि देश भर के चुनिंदा छात्र राज्य के राज्यपालों की मौजूदगी में कार्यक्रम देखने के लिए राजभवनों को भी जाकर देखेंगे ।उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि देश भर की राज्य सरकारें भी छात्रों , शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगी ।