उत्तराखंड

बारिश के कारण चमोली जिले के हल्दापानी भूस्खलन क्षेत्र के बाशिंदों की रातों की नींद उड़ गई है

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बारिश के कारण चमोली जिले के हल्दापानी भूस्खलन क्षेत्र के बाशिंदों की रात की नींद उड़ गई है। आपदा प्रभावित परिवार रातभर सो नहीं पा रहे हैं। पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से लोगों को भूस्खलन का डर सता रहा है। लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन की ओर से भूस्खलन के ट्रीटमेंट पर कोई ध्यान कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे यहां भूस्खलन बढ़ता ही जा रहा है।

हल्दापानी के विकासनगर मोहल्ले में हो रहे भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए बीते वर्ष नवंबर में 30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की, लेकिन अभी तक भी यहां कार्य शुरू नहीं हो पाया है। आपदा प्रभावित अनीता रतूड़ी ने कहा कि तहसील और राजस्व विभाग के अधिकारी कई बार भूस्खलन क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अभी भी यहां सुधारीकरण कार्य शुरू नहीं हुआ।

अब कुछ ही महीनों में बरसात शुरू हो जाएगी, भूस्खलन से आंगन पूरी तरह से ध्वस्त पड़ा है, जिससे यहां रहने में भी डर लग रहा है। प्रभावित सुरेंद्र सिंह भंडारी का कहना है कि लगातार भूस्खलन होने से कई मकान रहने लायक नहीं हैं। प्रशासन की ओर से क्षति का मुआवजा भी नहीं दिया है।

बारिश होने पर रातभर सो नहीं पा रहे हैं। वहीं, प्रभावित विमला बिजल्वाण का कहना है कि अपनी जिंदगीभर की मेहनत की कमाई से मकान बनाया। वर्ष 2017 में पति की मृत्यु हो गई। जिससे परिवार की जिम्मेदार मेरे कंधे पर आ गई। मकान भूस्खलन के मुहाने पर आ गया है। हम कहां जाएं, प्रशासन कह रहा है मकान छोड़कर किराये के घरों में जाओ, लेकिन घर का सामान कहां ले जाएं, कुछ समय में नहीं आ रहा है।

हल्दापानी में भूस्खलन से 70 मकानों को खतरा बना है। कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार ने बतया कि बीते 28 दिसंबर को भूस्खलन के सुधारीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चार में से तीन ठेकेदारों के अधूरे आवेदन के चलते वे निरस्त हो गए। एक ठेकेदार का आवेदन सही पाए जाने पर विभाग ने उसे शासन को भेज दिया है, शासन से निर्देश प्राप्त होने के बाद ही भूस्खलन का सुधारीकरण कार्य शुरू किया जाएगा।

 

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