बता दे की प्रदेश में अल्मोड़ा और पौड़ी के बाद अब 11 अन्य जिलों के भू अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन का काम शुरू होगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। तो संभावना है कि इस सप्ताह काम शुरू हो जाए। जिससे प्रदेश में आने वाले दिनों में जमीनों की रिकॉर्ड एक क्लिक पर मिल जाएगा।
केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड माडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों के सजरा मानचित्र का जीआईएस ब के जरिए मैप तैयार किया जाएगा। तो सर्वे कराने के बाद नक्शों को डिजिटल रूप में तैयार किया जाएगा। सभी जमीन को बाकायदा एक यूनिक भी नंबर दिया जाएगा।
इन नंबर के जरिये विश्व में कहीं भी बैठकर जमीन की स्थिति देख पाएंगे। तो व्यक्ति के पास अपनी जमीन का वास्तविक डाटा बेस उपलब्ध होगा। इसके अलावा भूमि संपत्ति विवादों के दायरे को कम किया जा सकेगा और भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में भी पारदर्शिता आएगी।
411राजस्व न्यायालय ऑनलाइन
सचिव राजस्व चंद्रेश यादव ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग की ओर से इस योजना के लिए सौ प्रतिशत फंडिंग केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है। तो प्रदेश में इस योजना को अगले दो साल में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
और प्रदेश में 411 राजस्व न्यायालय को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसमें राजस्व शुल्क ऑनलाइन लिए जाने का भी प्रावधान किया गया है। प्रदेश में सभी राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।