विधानसभा भर्ती में गड़बड़ी के मामले में एक तरफ सरकार बड़े एक्शन की तैयारी की बात कर रही है, तो वहीं विपक्ष कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया है. विधानसभा में बैकडोर से भर्ती पा गए लोगों को लेकर यह मांग भी उठने लगी है।कि सभी नेताओं के रिश्तेदार बाहर हों।
साथ ही कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाकर नौकरी लगाने वाले मंत्रियों और नेताओं के इस्तीफे के साथ ही उन पर केस दर्ज किए जाने की मांग कर रही है। इस प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा, राजेंद्र भंडारी, गणेश गोदियाल, आर्येंद्र शर्मा और महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला शामिल रहे।
बता दे की विधानसभा भर्ती गड़बड़झाले पर प्रेमचंद्र अग्रवाल के कबूलनामे ने सियासी भूचाल ला दिया है और भर्तियों को रद्द करने से पहले अग्रवाल के इस्तीफे की मांग हो रही है. हाल में भर्तियों को लेकर मौजूदा कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने स्वीकार कर लिया था कि उनके कार्यकाल में हुईं भर्तियों में नियमों की अनदेखी हुई।जिसके बाद से सियासी पारा हाई गया है।
बता दे की ऋषिकेश में जहां युवाओं ने अग्रवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया, वहीं विधानसभा के बाहर कांग्रेस नेताओं ने भी इस्तीफे की मांग के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
धामी के लेटर से मिला कांग्रेस को बल
कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री की तरफ से स्पीकर को लिखे गए लेटर से साफ है कि गड़बड़ हुई है. इसके लिए अग्रवाल के साथ बीजेपी के उन सब नेताओं को इस्तीफा देना चाहिए तो सीबीआई जांच की पुरज़ोर मांग भी की. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लेटर का धन्यवाद भी दिया।
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है ‘राज्य बनने के बाद चाहे मेरी गलती हो या दूसरे नेता की, एक्शन होना चाहिए।
पूर्व स्पीकर का भी विरोध
अग्रवाल से मांगे जा रहे इस्तीफे पर बीजेपी सीधे कुछ भी कहने से आंखें चुरा रही है. तो कांग्रेस गड़बड़ भर्तियों के मामले में अपना रुख साफ करने में अपनी ही पार्टी के पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को पार्टी से हटाने की मांग कर बैठी है।