उत्तराखंड

प्रदेश में हंस फाउंडेशन के सहयोग से बढ़ाई जाएगी मेडिकल यूनिट

Listen to this article

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हंस फाउंडेशन के सहयोग से उत्तराखण्ड में चल रही विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु संचालन समिति की 9वीं बैठक हुई। इस अवसर पर हंस फाउंडेशन की ओर से प्रदेश में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी गई।

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दृष्टि से ऐसे क्षेत्रों चिन्हित कर हंस फाउंडेशन के सहयोग से मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए पिरूल का निस्तारण आवश्यक है। उन्होंने स्कूलों में मिड-डे मील के लिए रसोई गैस के विकल्प के रूप में पिरूल का उपयोग में हंस फाउंडेशन से सहयोग के अपेक्षा की। कहा कि इस रोजगार से जुड़े लोगों को एक बाजार भी मिलेगा। साथ ही, जंगलों को आग से बचाया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बीआरसी और सीआरसी के साथ ही कौशल विकास के क्षेत्र में क्षमता निर्माण में हंस फाउंडेशन सहयोग कर सकता है। साथ ही आजीविका के क्षेत्र में हंस फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान कर सकता है। उन्होंने प्रदेश के विकास में राज्य सरकार की ओर से हंस फाउंडेशन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

हंस फाउंडेशन के सीईओ संदीप कपूर ने बताया कि हंस फाउंडेशन की ओर से प्रदेशभर के 1235 दूरस्थ गांवों में 52 मेडिकल मोबाइल यूनिट संचालित की जा रही हैं। हंस उद्यमिता मिशन के तहत् राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में उद्यमियों को तकनीकी सहायता, बिजनेस प्लान और ऋण स्वीकृति ने सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, दीपेन्द्र कुमार चैधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार, हरिचंद्र सेमवाल एवं अपर सचिव सी. रविशंकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!