जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के निर्देश पर मोटे अनाज का बढ़ावा देने के लिए होगा प्रचार प्रसार
वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष किया गया घोषित
On the instructions of District Magistrate Dhiraj Garbyal, publicity will be done to promote coarse grains
जिले में पहली बार मड़वे का भी समर्थन मूल्य पर होगी खरीद
नैनीताल- नैनीताल जिले के पर्वतीय इलाकों में होने वाले मोटे अनाज को अब बेहतर बाजार मिलने जा रहा है। पहाड़ के उत्पाद अब न सिर्फ पौष्टिक आहार के रूप में देश भर में पहचान बनाएंगे बल्कि उन्हें सरकारी एमएसपी पर खरीद कर बेहतर बाजार भी मिल सकेगा। इसी उद्देश्य से शिक्षा भवन, भीमताल में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज (मिलेट) वर्ष 2023 एवम पौष्टिक अनाज की खेती एवम सेवन को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। देश मे मोटा अनाज (कोदा, झंगोरा, रामदाना आदि ) को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके लिए आज जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा 22 सालों में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंर्तगत पर्वतीय किसानों के मोटे अनाज में मंडुवे (रुपये 35.78) की खरीद की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी योजना प्रारंभिक अवस्था में है । आगामी वर्ष से इसे बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा, जिसके अंर्तगत ससमय काश्तकारों के उत्पादों को सरकारी प्रणाली से क्रय कर उत्पादों का मूल्य संवर्द्धन कर उचित दाम दिलाए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय मोटा अनाज का अपना इतिहास रहा है जिसकी देश विदेश में बहुत मांग है। हमारा प्रयास रहेगा कि अपने काश्तकारों द्वारा उत्पादित मोटे अनाज को विदेशों में निर्यात करें, जिससे उन्हें अपनी उपज का बेहतर दाम भी मिल सके। इसके साथ ही मोटे अनाज को उपभोक्ता, उत्पादक एवं जलवायु के लिए अच्छा माना जाता है। ये पौष्टिक होने के साथ कम पानी वाली सिंचाई से भी उगाए जा सकते हैं।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी डॉ संदीप तिवारी ने काश्तकारों को मोटे अनाज की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म के बीज व विभागीय तकनीकी सहयोग दिलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड के मोटे अनाज को पहचान व बेहतर दाम हेतु जिला स्तर पर पूरे प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा काश्तकारों को तकनीकी ज्ञान देकर जागरूक किया गया। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ वी के यादव, के वी के के वैज्ञानिक डॉ कंचन नैनवाल, डॉ दीपाली तिवारी, डर बलवान सिंह, डॉ विजय कुमार, डॉ दिनेश जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल भारद्वाज,क़ृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी भीमताल ऋतु कुकरेती, महा प्रबन्धक उद्योग सुनील कुमार पन्त, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, जिला कार्यक्रम अधिकारी गौरव पन्त सहित दूर दराज से प्रगतिशील काश्तकार उपस्थित थे।